लोहरदगा : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को नदिया ¨हदू
उच्च विद्यालय परिसर में साधु उरांव की अध्यक्षता में हुई। जिसमें पारा
शिक्षकों की मांगों पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने की ¨नदा की गई।
साथ ही आंदोलन को धारदार बनाने पर बल दिया गया।
मौके पर साधु उरांव ने कहा कि सरकार जब तक छत्तीसगढ़ के तर्ज पर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई नहीं करती आंदोलन नहीं रूकेगा, हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर कहा कि पारा शिक्षकों की मांग जायज है लेकिन सरकार जब वार्ता में जाती है तो 11 से 13 हजार रुपए देने की बात करती है। छत्तीसगढ़ में 8 साल सेवा करने के बाद पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई किया जाता है, यदि सरकार को छत्तीसगढ़ के तर्ज पर सेवा स्थाई करने में दिक्कत है तो झारखंड सरकार को अपनी नियमावली बनाकर पारा शिक्षकों की सेवा स्थायी करना चाहिए। पारा शिक्षकों ने कहा कि जब तक 300 पारा शिक्षकों के ऊपर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, मांगे पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में मोर्चा के जिला सचिव लाल उमा शंकर नाथ शाहदेव ने कहा कि लोहरदगा जिले के पारा शिक्षक 2 जनवरी को राज्यस्तरीय कमेटी की बैठक में लिए जाने वाले निर्णय का स्वागत करेगी। बैठक में मुख्य रूप से मोर्चा के जिलाध्यक्ष जसीम अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड आगमन को लेकर राज्य स्तरीय बैठक में कार्यक्रम तय किया जाएगा, और पारा शिक्षकों की मांगों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया जाएगा। ऐसे पारा शिक्षक की मांगों से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जानकारी जा चुकी है इसलिए प्रधानमंत्री को झारखंड दौरे के क्रम में पारा शिक्षक के हित में मुख्यमंत्री रघुवर दास को तुरंत आदेश देना चाहिए। बैठक में मुख्य रूप से विशेषण भगत, सुबोध साहू, अब्बास अंसारी, सुनीता साह, पुष्पा खलखो, मुस्ताक अंसारी, अवधेश शर्मा, दिगंबर मिश्रा, चमरा उरांव, जाहिद अंसारी आदि ने अपने-अपनी विचार से सभी को प्रभावित किया।
मौके पर साधु उरांव ने कहा कि सरकार जब तक छत्तीसगढ़ के तर्ज पर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई नहीं करती आंदोलन नहीं रूकेगा, हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर कहा कि पारा शिक्षकों की मांग जायज है लेकिन सरकार जब वार्ता में जाती है तो 11 से 13 हजार रुपए देने की बात करती है। छत्तीसगढ़ में 8 साल सेवा करने के बाद पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई किया जाता है, यदि सरकार को छत्तीसगढ़ के तर्ज पर सेवा स्थाई करने में दिक्कत है तो झारखंड सरकार को अपनी नियमावली बनाकर पारा शिक्षकों की सेवा स्थायी करना चाहिए। पारा शिक्षकों ने कहा कि जब तक 300 पारा शिक्षकों के ऊपर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, मांगे पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में मोर्चा के जिला सचिव लाल उमा शंकर नाथ शाहदेव ने कहा कि लोहरदगा जिले के पारा शिक्षक 2 जनवरी को राज्यस्तरीय कमेटी की बैठक में लिए जाने वाले निर्णय का स्वागत करेगी। बैठक में मुख्य रूप से मोर्चा के जिलाध्यक्ष जसीम अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड आगमन को लेकर राज्य स्तरीय बैठक में कार्यक्रम तय किया जाएगा, और पारा शिक्षकों की मांगों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया जाएगा। ऐसे पारा शिक्षक की मांगों से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जानकारी जा चुकी है इसलिए प्रधानमंत्री को झारखंड दौरे के क्रम में पारा शिक्षक के हित में मुख्यमंत्री रघुवर दास को तुरंत आदेश देना चाहिए। बैठक में मुख्य रूप से विशेषण भगत, सुबोध साहू, अब्बास अंसारी, सुनीता साह, पुष्पा खलखो, मुस्ताक अंसारी, अवधेश शर्मा, दिगंबर मिश्रा, चमरा उरांव, जाहिद अंसारी आदि ने अपने-अपनी विचार से सभी को प्रभावित किया।
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