रांची : तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त पर झारखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है।
पारा शिक्षकों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हड़ताल कर्मियों के आंदोलन को आधार बनाते हुए
सत्ता पक्ष के मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर
पारा शिक्षकों का समायोजन करने की दिशा में आवश्यक पहल करने की मांग की है
उन्होंने कहा है कि पारा शिक्षकों के हड़ताल में होने के कारण जहां बच्चों का पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है
वह यह आंदोलन कर में सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं जो कि सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी के भी कई विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन हेमंत सोरेन
झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी आजसू के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो
इसके साथ ही मार्क्सवादी लेने वाली संगठन के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माली
एवं राजनीतिक दलों का समर्थन बल्कि का आ जाए पूरी समर्थन पारा शिक्षकों के साथ है
तो ऐसे में झारखंड सरकार को पारा शिक्षकों के समायोजन में क्या दिक्कत आ रही है।
सरकार के मंत्रियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री को जल्द आवश्यक कार्रवाई करने का कह रहे हैं
और विधि व्यवस्था के साथ ही सभी व्यवस्थाओं पठन-पाठन कोई स्कूल को
ठीक करने के लिए यह कदम उठाने की अपील की जा रही है।
जिसके कारण आजसू पार्टी झारखंड सरकार से समर्थन वापसी भी ले सकती है
सूत्र कहते हैं कि आने वाला समय राजनीतिक स्थिरता के लिए आंदोलन में सभी को साथ होना पड़ेगा
क्योंकि पारा शिक्षकों के साथ ही राज्य के मुखिया अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
एक और विद्यालय रसोईया शिवजी का आंगनबाड़ी कर्मचारी रोजगार सेवक जनसेवक सभी आंदोलन की दिशा में अग्रसर हैं ऐसे में सरकार कोई निश्चित रूप से दबाव बढ़ रहा है
अब देखना है कि झारखंड की राजनीति में कर्मियों का पारा शिक्षकों का मान पूरी होती है या सरकार अपने दमनकारी नीतियों के साथ आगे कार्य करती है
पूरे देश में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 की सभी राजनीतिक दल जुटी हुई है
सभी जमीन तलाशने के लिए कुछ भी त्यागने के लिए तैयार हैं
ऐसे में झारखंड का राजनीति गर्म होना लाजमी लगता है
क्योंकि छत्तीसगढ़ की सीमा से झारखंड सटा हुआ है
और झारखंड गठन और छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना एक बार ही हुई है।
वह क्या करें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा शिक्षकों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं
और सरकार से सभी स्तर से वार्ता करने की आश्वासन पूर्व में ही दिया गया है
लेकिन अभी तक हड़ताल समाप्त नहीं हुई है
झारखंड की रघुवर सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर उदार नीति नहीं आ रही है
इसके कारण कर्मचारी हड़ताल पर है कर्मचारियों का जो गिरफ्तार किए गए हैं
उन सभी शिक्षकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए
उनकी कई मांगे हैं सरकार और सभी लोगों को राजनीति के बीच लाकर खड़ा कर दिया है।
सत्ता पक्ष के मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर
पारा शिक्षकों का समायोजन करने की दिशा में आवश्यक पहल करने की मांग की है
उन्होंने कहा है कि पारा शिक्षकों के हड़ताल में होने के कारण जहां बच्चों का पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है
वह यह आंदोलन कर में सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं जो कि सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी के भी कई विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन हेमंत सोरेन
झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी आजसू के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो
इसके साथ ही मार्क्सवादी लेने वाली संगठन के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माली
एवं राजनीतिक दलों का समर्थन बल्कि का आ जाए पूरी समर्थन पारा शिक्षकों के साथ है
तो ऐसे में झारखंड सरकार को पारा शिक्षकों के समायोजन में क्या दिक्कत आ रही है।
सरकार के मंत्रियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री को जल्द आवश्यक कार्रवाई करने का कह रहे हैं
और विधि व्यवस्था के साथ ही सभी व्यवस्थाओं पठन-पाठन कोई स्कूल को
ठीक करने के लिए यह कदम उठाने की अपील की जा रही है।
तीन राज्यों के परिणाम के बाद सत्ता पक्ष के लोग रिस्क लेने कोतैयार नहीं
सत्ता पक्ष के सांसद विधायक भी चिंतित हैं और वे अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते हैंजिसके कारण आजसू पार्टी झारखंड सरकार से समर्थन वापसी भी ले सकती है
सूत्र कहते हैं कि आने वाला समय राजनीतिक स्थिरता के लिए आंदोलन में सभी को साथ होना पड़ेगा
क्योंकि पारा शिक्षकों के साथ ही राज्य के मुखिया अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
एक और विद्यालय रसोईया शिवजी का आंगनबाड़ी कर्मचारी रोजगार सेवक जनसेवक सभी आंदोलन की दिशा में अग्रसर हैं ऐसे में सरकार कोई निश्चित रूप से दबाव बढ़ रहा है
अब देखना है कि झारखंड की राजनीति में कर्मियों का पारा शिक्षकों का मान पूरी होती है या सरकार अपने दमनकारी नीतियों के साथ आगे कार्य करती है
पूरे देश में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 की सभी राजनीतिक दल जुटी हुई है
सभी जमीन तलाशने के लिए कुछ भी त्यागने के लिए तैयार हैं
ऐसे में झारखंड का राजनीति गर्म होना लाजमी लगता है
क्योंकि छत्तीसगढ़ की सीमा से झारखंड सटा हुआ है
और झारखंड गठन और छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना एक बार ही हुई है।
छत्तीसगढ़ की सीमा भी झारखंड से सटी हुई है
ऐसे में झारखंड में भी बीजेपी की सरकार है और देश में भी मोदी की सरकार है ऐसे में भाजपा संगठन परेशान है किवह क्या करें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा शिक्षकों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं
और सरकार से सभी स्तर से वार्ता करने की आश्वासन पूर्व में ही दिया गया है
लेकिन अभी तक हड़ताल समाप्त नहीं हुई है
झारखंड की रघुवर सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर उदार नीति नहीं आ रही है
इसके कारण कर्मचारी हड़ताल पर है कर्मचारियों का जो गिरफ्तार किए गए हैं
उन सभी शिक्षकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए
उनकी कई मांगे हैं सरकार और सभी लोगों को राजनीति के बीच लाकर खड़ा कर दिया है।
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