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25 हजार की आबादी के बीच एकमात्र हाई स्कूल, 350 बच्चों के बीच सिर्फ एक शिक्षक

भले ही केंद्र एवं राज्य सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की हुंकार से खूब वाहवाही लूटने पर आमदा हो पर नक्सल इलाके के बेटियों की निशुल्क अनिवार्य शिक्षा का किस कदर मजाक उड़ाया जा रहा है जिसका जीता
जागता उदाहरण है दक्षिणी टुंडी स्थित चालीस गांवों के करीब 25 हजार आबादी के बीच एकमात्र उत्क्रमित हाई स्कूल ओझाडीह कटनियां? यहां बेटियों की पढ़ाई के नाम पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है? इसके लिए सरकारी तंत्र से लेकर अफसर राजनेता सभी हैं जिम्मेदार। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। हर दिन शिक्षक बहाल को लेकर अबतक का ढिंढोरा महज कोरा कागज साबित हो रहा है। दक्षिणी टुंडी उत्क्रमित हाई स्कूल कटनियां ओझाडीह धनबाद जिला मुख्यालय से उत्तर लगभग 15 किलोमीटर एवं प्रखंड मुख्यालय से दक्षिण 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस विद्यालय में दक्षिणी टुंडी के बेगनोरिया राजाभीट्ठा कदैया कटनियां पंचायत के ओझाडीह, छाताबाद, खोरमो, पतरो, आसनडाबर, कर्माटांड, मिर्जापुर, मंझलीटांड, बरवाडीह, कारीगरडीह, शहरपुरा, कदैया, नेटवारी, काशीटांड, गोपालपुर, मोहनपुर, पूर्णाडीह, केशका के अलावा 40 गांवों का एकमात्र हाई स्कूल है। वर्तमान समय में इस विद्यालय में कुल 350 छात्र-छात्राएं वर्ग नवम एवं दशम में अध्ययनरत हैं। जिसमें बेटियां की संख्या अधिक है। जबकि इसके अनुपात में महज एक ही शिक्षक हैं। ऐसे में एक शिक्षक साढ़े तीन सौ छात्रों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। सरकार एक तरफ निशुल्क अनिवार्य शिक्षा की बात तो करती है पर जमीनी सच्चाई का कड़वा सच इस विद्यालय में देखने को मिलता है। ऐसे इसके लिए कई जिम्मेदार हैं। सरकार नक्सल इलाके में शिक्षा की विकास की बात यहां के लोगों को नाइंसाफी लगती है। इस विद्यालय में आदिवासी हरिजन समुदाय के बच्चों की संख्या अधिक है।

उमेश माहथा. टुंडी

भले ही केंद्र एवं राज्य सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की हुंकार से खूब वाहवाही लूटने पर आमदा हो पर नक्सल इलाके के बेटियों की निशुल्क अनिवार्य शिक्षा का किस कदर मजाक उड़ाया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण है दक्षिणी टुंडी स्थित चालीस गांवों के करीब 25 हजार आबादी के बीच एकमात्र उत्क्रमित हाई स्कूल ओझाडीह कटनियां? यहां बेटियों की पढ़ाई के नाम पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है? इसके लिए सरकारी तंत्र से लेकर अफसर राजनेता सभी हैं जिम्मेदार। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। हर दिन शिक्षक बहाल को लेकर अबतक का ढिंढोरा महज कोरा कागज साबित हो रहा है। दक्षिणी टुंडी उत्क्रमित हाई स्कूल कटनियां ओझाडीह धनबाद जिला मुख्यालय से उत्तर लगभग 15 किलोमीटर एवं प्रखंड मुख्यालय से दक्षिण 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस विद्यालय में दक्षिणी टुंडी के बेगनोरिया राजाभीट्ठा कदैया कटनियां पंचायत के ओझाडीह, छाताबाद, खोरमो, पतरो, आसनडाबर, कर्माटांड, मिर्जापुर, मंझलीटांड, बरवाडीह, कारीगरडीह, शहरपुरा, कदैया, नेटवारी, काशीटांड, गोपालपुर, मोहनपुर, पूर्णाडीह, केशका के अलावा 40 गांवों का एकमात्र हाई स्कूल है। वर्तमान समय में इस विद्यालय में कुल 350 छात्र-छात्राएं वर्ग नवम एवं दशम में अध्ययनरत हैं। जिसमें बेटियां की संख्या अधिक है। जबकि इसके अनुपात में महज एक ही शिक्षक हैं। ऐसे में एक शिक्षक साढ़े तीन सौ छात्रों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। सरकार एक तरफ निशुल्क अनिवार्य शिक्षा की बात तो करती है पर जमीनी सच्चाई का कड़वा सच इस विद्यालय में देखने को मिलता है। ऐसे इसके लिए कई जिम्मेदार हैं। सरकार नक्सल इलाके में शिक्षा की विकास की बात यहां के लोगों को नाइंसाफी लगती है। इस विद्यालय में आदिवासी हरिजन समुदाय के बच्चों की संख्या अधिक है।

इस पंचायत में रहते हैं कई जनप्रतिनिधि

इस पंचायत में टुंडी प्रमुख, जिप सदस्य कटनियां मुखिया का निवास स्थान है। जिसके कारण यहां कई माननीयों, राजनैतिक जनप्रतिनिधियों एवं अफसरों की किसी न किसी काम से आवाजाही हमेशा लगी रहती है। इसके साथ कटनियां, ओझाडीह चर्चित गांव के नाम से विख्यात है। इस पंचायत में सामान्य समुदाय के कई बुद्धिजीवी लोग रहते हैं जो जिले के कई इलाके में अपनी छाती ठोंककर झूठी वाहवाही की प्रशंसा कर खुद मुंह मीठू मियां बनते फिरते हैं। किंतु इस सामाजिक सरोकार मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखते हैं। इस संबंध में विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव माहथा का कहना है की शिक्षक की कमी की शिकायत हम लिखित रुप से विभाग को जानकारी दे चुके हैं। शिक्षक की कमी से कई कठिनाई सामने आती है। टुंडी बीईओ सह क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी भीखन प्रसाद वर्मा का कहना है कि शिक्षक की कमी की जानकारी है, हम जल्द ही यहां शिक्षक कमी की भरपाई कराने का प्रयास करूंगा।

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