तीनटर्म में बहाल हुए 1200 शिक्षकों में 7 से अधिक ने अंतर जिला ट्रांसफर
की इच्छा जतायी है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा निदेशक के पास राज्य की
24 जिलों की उपलब्ध सूची मंथन के बाद शिक्षकों का सामंजन किया जायेगा।
विदित हो कि शिक्षक के पूरे सेवा काल में एक बार इच्छा मुताबिक ट्रांसफर दिया दिया जाता है, पर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में सन 2000 में पूर्व के नियम को शिथिल कर राज्य के शिक्षकों को सेवा काल के चंद वर्षों बाद ही गृह जिला में स्थानांतरण की सुविधा देने की शुरुआत की गई। तब पुरुष शिक्षक के लिए पांच साल इतथा महिला शिक्षकों के लिए तीन साल की सेवा अनिवार्य की गई थी। फिलहाल तीन साल की सेवा के बाद गृह नगर में ट्रांसफर की सुविधा दी गई है। पर अखिल झारखंड शिक्षक संघ के आंदोलन के बाद तीन साल के प्रावधान को भी शिथिल करने की संभावना है। विदित हो कि 2015-16 में वर्ग छ: से आठ के लिए जिले में 85 तथा वर्ग एक से पांच के लिए 1115 शिक्षकों की बहाली की गई थी। इनमें 760 शिक्षकों ने गृह नगर में जाना चाहते हैं।
हर जिले में 6 से 8 वर्ग की यूनिट अलग-अलग
यहांकाबिलेगौर है कि हर जिले में 6 से 8 की यूनिट संख्या अलग-अलग है। मसलन गिरिडीह में इस यूनिट के 170 विद्यालय है। विभागीय सूत्र की मानें तो प्रति विद्यालय में विज्ञान, कला भाषा के 170-170 शिक्षकों की जरूरत है। मुसीबत यह हो रही है कि सेवा काल की शर्तें पूरी करने वाले शिक्षक भी गृह नगर की ट्रांसफर चाह रहे है। डीएसई कमला सिंह की मानें तो अंतर जिला ट्रांसफर के लिए कुल 760 आवेदन आये है इनमें 751 की सूची बनाकर भेज दिया गया है।
आवेदन में कई दिलचस्प मामले
अंतरजिला ट्रांसफर के लिए आये आवेदन में कई दिलचस्प मामले सामने आये है। अवधि से पूर्व अंतर जिला ट्रांसफर की चाह रखने वाले गुरुओं ने कई दिलचस्प बहाने बनाये है। किसी ने दूरी को बहाना बनाया है तो किसी की सास बीमार है, किसी ने प|ी या पति को डायबिटीज, प|ी को ब्लड प्रेशर, पति या प|ी की विकलांगता या गंभीर बीमारी को कारण बताया है। ट्रांसफर सामंजन की सारी प्रकिया रांची से पूरी की जायेगी। विभागीय सूत्र ने बताया कि शिक्षकों के गृह नगर ट्रांसफर से शिक्षा की गुणवत्ता को भारी नुकसान होगा।
निदेशककरेंगे सूची का मंथन : डीएसई
जिलाशिक्षा अधीक्षक कमला सिंह ने कहा कि आवेदन की पूरी सूची बनाकर प्राइमरी निदेशक को भेज दी गई है। कहा कि राज्य के सभी जिलो से अंतर जिला ट्रांसफर की चाह रखने वाले शिक्षकों की सूची निदेशक के पास पहुंचेगी। कहा कि सूची मंथन के बाद शिक्षकों का विभिन्न जिले में सामंजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिले में शिक्षकों की कमी नहीं होगी।
विदित हो कि शिक्षक के पूरे सेवा काल में एक बार इच्छा मुताबिक ट्रांसफर दिया दिया जाता है, पर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में सन 2000 में पूर्व के नियम को शिथिल कर राज्य के शिक्षकों को सेवा काल के चंद वर्षों बाद ही गृह जिला में स्थानांतरण की सुविधा देने की शुरुआत की गई। तब पुरुष शिक्षक के लिए पांच साल इतथा महिला शिक्षकों के लिए तीन साल की सेवा अनिवार्य की गई थी। फिलहाल तीन साल की सेवा के बाद गृह नगर में ट्रांसफर की सुविधा दी गई है। पर अखिल झारखंड शिक्षक संघ के आंदोलन के बाद तीन साल के प्रावधान को भी शिथिल करने की संभावना है। विदित हो कि 2015-16 में वर्ग छ: से आठ के लिए जिले में 85 तथा वर्ग एक से पांच के लिए 1115 शिक्षकों की बहाली की गई थी। इनमें 760 शिक्षकों ने गृह नगर में जाना चाहते हैं।
हर जिले में 6 से 8 वर्ग की यूनिट अलग-अलग
यहांकाबिलेगौर है कि हर जिले में 6 से 8 की यूनिट संख्या अलग-अलग है। मसलन गिरिडीह में इस यूनिट के 170 विद्यालय है। विभागीय सूत्र की मानें तो प्रति विद्यालय में विज्ञान, कला भाषा के 170-170 शिक्षकों की जरूरत है। मुसीबत यह हो रही है कि सेवा काल की शर्तें पूरी करने वाले शिक्षक भी गृह नगर की ट्रांसफर चाह रहे है। डीएसई कमला सिंह की मानें तो अंतर जिला ट्रांसफर के लिए कुल 760 आवेदन आये है इनमें 751 की सूची बनाकर भेज दिया गया है।
आवेदन में कई दिलचस्प मामले
अंतरजिला ट्रांसफर के लिए आये आवेदन में कई दिलचस्प मामले सामने आये है। अवधि से पूर्व अंतर जिला ट्रांसफर की चाह रखने वाले गुरुओं ने कई दिलचस्प बहाने बनाये है। किसी ने दूरी को बहाना बनाया है तो किसी की सास बीमार है, किसी ने प|ी या पति को डायबिटीज, प|ी को ब्लड प्रेशर, पति या प|ी की विकलांगता या गंभीर बीमारी को कारण बताया है। ट्रांसफर सामंजन की सारी प्रकिया रांची से पूरी की जायेगी। विभागीय सूत्र ने बताया कि शिक्षकों के गृह नगर ट्रांसफर से शिक्षा की गुणवत्ता को भारी नुकसान होगा।
निदेशककरेंगे सूची का मंथन : डीएसई
जिलाशिक्षा अधीक्षक कमला सिंह ने कहा कि आवेदन की पूरी सूची बनाकर प्राइमरी निदेशक को भेज दी गई है। कहा कि राज्य के सभी जिलो से अंतर जिला ट्रांसफर की चाह रखने वाले शिक्षकों की सूची निदेशक के पास पहुंचेगी। कहा कि सूची मंथन के बाद शिक्षकों का विभिन्न जिले में सामंजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिले में शिक्षकों की कमी नहीं होगी।
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