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2019 तक: प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करने पर समाप्त हो जायेगी सेवा, झारखंड के 15 हजार पारा शिक्षक अब भी अप्रशिक्षित

रांची : राज्य में लगभग 15 हजार पारा शिक्षक अप्रशिक्षित हैं. नियुक्ति के आठ वर्ष बाद भी शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य पूरा नहीं हुआ. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रभावी होने के बाद शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य वर्ष 2015 तक पूरा हो जाना था. अब केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2019 तक अप्रशिक्षित शिक्षकों काे प्रशिक्षित करने की तिथि बढ़ा दी है. 31 मार्च तक शिक्षकों के प्रशिक्षित नहीं होने पर उनकी सेवा समाप्त हो जायेगी. राज्य में 10 हजार ऐसे पारा शिक्षक हैं, जो पूर्व में इग्नू के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा में शामिल हुए थे, पर वे परीक्षा में सफल नहीं हो सके. 

इसके अलावा पांच हजार पारा शिक्षकों ने शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन तो जमा किया, पर वे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये. इन सभी पारा शिक्षकों को शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास करना होगा. राज्य में वर्ष 2011 के बाद से पारा शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है. झारखंड में अधिकांश अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2009 से पहले हुई थी. ऐसे में नियुक्ति के लगभग आठ वर्ष बाद भी शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य पूरा नहीं हो सका है. झारखंड में सबसे अधिक अप्रशिक्षित पारा शिक्षक पलामू व गिरिडीह जिला में हैं.
 
प्रमाण पत्रों का नहीं हुआ सत्यापन 
पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ है.  राज्य में वर्तमान में 68,065 पारा शिक्षक कार्यरत हैं.   इसमें से अब तक मैट्रिक के 27,883, इंटर के 22,711, स्नातक के 9537 तथा  शिक्षक पात्रता परीक्षा के 1,306 प्रमाण पत्रों का सत्यापन हुआ है. सरकार द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी  शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2003 में  शुरू हुई थी़. वर्ष 2011 के बाद से  पारा शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई  है़    नियुक्ति  के बाद ही जिला शिक्षा अधीक्षक काे प्रमाण पत्रों के  सत्यापन का काम पूरा कर लेना था़  प्रमाण पत्र सत्यापन नहीं होने पर जिला शिक्षा अधीक्षक के वेतन पर भी रोक लगायी गयी थी. इसके बाद भी प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हुआ.
 
आठ हजार बने स्थायी शिक्षक 
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित किया गया है. शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. इनमें आठ हजार पारा शिक्षक चयनित किये गये हैं. 
 
राज्य में जो भी अप्रशिक्षित शिक्षक हैं, उनके प्रशिक्षण का कार्य जल्द शुरू किया जायेगा. सितंबर तक अप्रशिक्षित शिक्षकों के पंजीयन का काम पूरा कर लिया जायेगा. मार्च 2019 से पहले शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य पूरा हो जायेगा. 

ए मुथु कुमार, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना

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