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झारखंड के 66 स्कूल-कॉलेज ऐसे भी जहां सब फेल हैं

झारखंड में 66 स्कूल-कॉलेज वैसे भी हैं, जहां एक भी छात्र पास नहीं कर सका. यहां से कुल 388 छात्रों ने इस साल इंटर व मैट्रिक की परीक्षा दी थी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने दो दिन पहले इनका रिजल्ट घोषित किया है.

इनमें से कुछ स्कूलों में पिछले साल भी सारे परीक्षार्थी फेल कर गए थे. हालांकि, इन स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम थी. 4 स्कूल वैसे भी थे, जहां से सिर्फ एक-एक छात्र ने परीक्षा दी थी. इसी तरह 27 स्कूलों में छात्रों की संख्या दहाई तक भी नहीं पहुंच सकी थी.
अपग्रेडेड स्कूलों का बुरा हाल
इनमें से अधिकतर स्कूलों को अपग्रेड कर सरकार ने वहां ऊंची कक्षाओं की पढ़ाई शुरू कराई थी. लेकिन, अपग्रेड करने के बावजूद यहां स्थायी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई. इस कारण इन उत्क्रमित स्कूलों में पढ़ाई का जिम्मा प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों के भरोसे रहा. इन्हें ऊंची कक्षाओं में पढ़ाने की विशेषज्ञता नहीं थी. रिजल्ट के खराब होने की मूल वजह यही है.
छात्र-शिक्षकों की संख्या बराबर
जैक द्वारा जारी इंटर के रिजल्ट में 33 स्कूल कॉलेजों के सभी 148 छात्र फेल कर गए. इनमें से 12 सरकारी प्लस टू स्तर के स्कूल हैं. यहां से कुल 36 छात्रों ने परीक्षा दी. इन्हें पढ़ाने के लिए सरकार ने करीब 36 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की हुई है.
मतलब, हर एक छात्र के लिए एक शिक्षक. ऐसा तो पब्लिक स्कूलों में महंगी फीस देने पर भी नहीं मिलता है. लेकिन, इस छात्र-शिक्षक अनुपात का रिजल्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

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