दुमका : रविवार को
हुई राज्य प्राथमिक शिक्षक की बैठक में पुरानी पेंशन योजना नहीं होने पर
एक स्वर में सभी ने 25 अप्रैल को प्रखंड स्तर पर धरना देने का निर्णय लिया।
जिलाध्यक्ष रसिक बास्की की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 मार्च के आमरण अनशन में संगठन और जिला शिक्षा अधीक्षक के बीच हुए समझौते पर अमल नहीं होने पर रोष जताया गया। धरना की रणनीति तैयार की गई। कहा कि वार्ता के दौरान सभी ग्रेड में प्रोन्नति और सातवें पुनरीक्षित वेतन के निर्धारण के लिए डीएसई ने 20 से 25 दिन का समय मांगा था। समय बीत जाने के बाद भी प्रोन्नति को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। यही हालत वेतन निर्धारण का है। कहा कि डीएसई ने वेतन निर्धारण के लिए प्रखंड में तिथि का निर्धारण किया था। परंतु शिविर में 25 फीसद शिक्षकों का ही अनुमोदन हो पाता है। डीएसई व्यस्तता बताकर शिविर से चले जाते हैं। बचे हुए शिक्षकों के निर्धारण का अनुमोदन किस तरह से होगा, इसे पदाधिकारी को स्पष्ट करना चाहिए। इसलिए 18 अप्रैल को शिक्षकों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलकर डीएसई को हटाने की मांग करेंगे। बैठक में बाल किशोर कापरी, अश्विनी कुमार, प्रियंकर परमेश, सुनील, विजय कुमार, अर¨वद कुमार, सुनील ¨सह, अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे।
जिलाध्यक्ष रसिक बास्की की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 मार्च के आमरण अनशन में संगठन और जिला शिक्षा अधीक्षक के बीच हुए समझौते पर अमल नहीं होने पर रोष जताया गया। धरना की रणनीति तैयार की गई। कहा कि वार्ता के दौरान सभी ग्रेड में प्रोन्नति और सातवें पुनरीक्षित वेतन के निर्धारण के लिए डीएसई ने 20 से 25 दिन का समय मांगा था। समय बीत जाने के बाद भी प्रोन्नति को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। यही हालत वेतन निर्धारण का है। कहा कि डीएसई ने वेतन निर्धारण के लिए प्रखंड में तिथि का निर्धारण किया था। परंतु शिविर में 25 फीसद शिक्षकों का ही अनुमोदन हो पाता है। डीएसई व्यस्तता बताकर शिविर से चले जाते हैं। बचे हुए शिक्षकों के निर्धारण का अनुमोदन किस तरह से होगा, इसे पदाधिकारी को स्पष्ट करना चाहिए। इसलिए 18 अप्रैल को शिक्षकों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलकर डीएसई को हटाने की मांग करेंगे। बैठक में बाल किशोर कापरी, अश्विनी कुमार, प्रियंकर परमेश, सुनील, विजय कुमार, अर¨वद कुमार, सुनील ¨सह, अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे।
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