जमशेदपुर/रांची : राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के
कंपोनेंट-1 के तहत जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को महिला विश्वविद्यालय का दर्जा
मिलने से सिर्फ छात्राओं और शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही इसका लाभ नहीं मिलेगा.
बल्कि उच्च योग्यताधारी युवक भी इससे लाभान्वित होंगे. कॉलेज में छात्राओं
के लिए 500 बेड वाले छात्रावास का निर्माण कराया जायेगा.
वहीं, कंपोनेंट-1 के तहत विवि के लिए विभिन्न शर्तें व प्रावधान भी
हैं, जिसे पूरा किया जाना है. शर्तों के मुताबिक 20 छात्राओं पर एक शिक्षक
या शिक्षिका होंगी. वर्तमान में कॉलेज में नामांकित छात्राओं की संख्या
8,109 है. यानी विभिन्न विषयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं 405 पद सृजित होंगे.
वहीं, कर्मचारियों की संख्या भी 100 के करीब होगी. वर्तमान में
शिक्षक-शिक्षिकाओं के कुल 63 स्वीकृत पद हैं, जबकि कार्यरत
शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या 46 है. इसी तरह शिक्षकेतर कर्मचारियों के भी
69 स्वीकृत पद हैं, जबकि कार्यरत कर्मचारियों की संख्या इससे कम है.
सात माह के प्रयास में मिली सफलता : जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को महज सात
महीने के प्रयास में यह कामयाबी हासिल हुई है. इसकी नींव तभी पड़ चुकी थी,
जब यूजीसी ने वर्ष 2008 से 2013 के बीच देशभर के 45 चुनिंदा कॉलेजों को
ऑटोनॉमस का दर्जा दिया था. इसका उद्देश्य ही था, कॉलेजों को अपग्रेड कर
विवि बनाना. 30 अप्रैल 2016 को प्रतिकुलपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद 1
मई 2016 को डॉ शुक्ला मोहंती ने पुन: कॉलेज की प्राचार्या का पद संभाला.
इसके बाद उन्होंने कॉलेज को विवि का दर्जा दिलाने के लिए जुलाई 2016 में
राज्य मानव संसाधन विकास विभाग (एचआरडी) में आवेदन किया.
जिला प्रशासन के पास भी 20 एकड़ भूखंड के लिए आवेदन किया. हालांकि
इसके बाद अगस्त 2016 में कॉलेज ने विभाग में पुन: प्रस्ताव जमा किया. गत 7
अक्तूबर को राज्य उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में विभाग ने स्वीकृति प्रदान
करते हुए प्रस्ताव को एमएचआरडी (केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग) के पास
भेजा, जहां पिछले 6 फरवरी को अंतत: कॉलेज को विवि का दर्जा प्राप्त हुआ.
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