दुमका : स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के लिए जेएसएससी के
माध्यम से जारी अधिसूचना में कथित तौर पर व्याप्त त्रुटियों में सुधार करने
की मांग पर वर्षों से हाई स्कूल का शिक्षक बनने की मंशा लिये इसकी तैयारी
कर रहे छात्र-छात्रा फिलहाल दर-दर जाकर फरियाद करने में अपना कीमती समय
गंवा रहे हैं।
सोमवार को यज्ञ मैदान में शिक्षक पद के लिए तैयारी में जुटे छात्र-छात्राओं की एक बैठक हुई जिसमें अधिसूचना में व्याप्त त्रुटियों को अविलंब सुधार कर नये सिरे से अधिसूचना जारी करने की मांग सरकार से की गयी। यह भी प्रस्ताव लिया गया कि सभी छात्र-छात्राएं चार जनवरी को यज्ञ मैदान में जमा होकर यहां से उपायुक्त और डीईओ को एक ज्ञापन सौंप कर अधिसूचना में समुचित सुधार कराने की दिशा में पहल करने की मांग करेंगे। इससे पूर्व छात्रों का प्रतिनिधिमंडल सूबे की समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी से भी मिले और उनसे समुचित पहल करने का आग्रह किया। बैठक में कुंदन ठाकुर, राकेश कुमार, प्रकाश कुमार, राजीव कुमार, मो. अख्तर आलम, दिनेश कुमार मिश्र, मो. हाकिम अंसारी, रीना मुर्मू, संगीता टुडू मौजूद थे।
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इन ¨बदुओं पर है छात्रों को आपत्ति
- अधिसूचना के अनुसार इतिहास एवं राजनीतिक विषयों के छात्रों के लिए स्नातक स्तर पर दोनों विषय होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी वजह से हजारों छात्र जो इतिहास प्रतिष्ठा रखते हैं वह सहायक विषय में राजनीति शास्त्र या जो छात्र राजनीति शास्त्र प्रतिष्ठा रखते हैं वे सहायक विषय के रूप में इतिहास नहीं रखते हैं। इस परिस्थिति में ऐसे छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
- विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए पहली बार नियुक्ति परीक्षा में दो विषयों में 45 फीसद अनिवार्य की मांग की गयी है जो अनुचित है।
- संस्कृत तथा उर्दू छात्रों को भी समस्या हो गयी है क्योंकि स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए स्नातकोत्तर योग्यता निर्धारित की गयी है जो कि असंगत है।
सोमवार को यज्ञ मैदान में शिक्षक पद के लिए तैयारी में जुटे छात्र-छात्राओं की एक बैठक हुई जिसमें अधिसूचना में व्याप्त त्रुटियों को अविलंब सुधार कर नये सिरे से अधिसूचना जारी करने की मांग सरकार से की गयी। यह भी प्रस्ताव लिया गया कि सभी छात्र-छात्राएं चार जनवरी को यज्ञ मैदान में जमा होकर यहां से उपायुक्त और डीईओ को एक ज्ञापन सौंप कर अधिसूचना में समुचित सुधार कराने की दिशा में पहल करने की मांग करेंगे। इससे पूर्व छात्रों का प्रतिनिधिमंडल सूबे की समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी से भी मिले और उनसे समुचित पहल करने का आग्रह किया। बैठक में कुंदन ठाकुर, राकेश कुमार, प्रकाश कुमार, राजीव कुमार, मो. अख्तर आलम, दिनेश कुमार मिश्र, मो. हाकिम अंसारी, रीना मुर्मू, संगीता टुडू मौजूद थे।
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इन ¨बदुओं पर है छात्रों को आपत्ति
- अधिसूचना के अनुसार इतिहास एवं राजनीतिक विषयों के छात्रों के लिए स्नातक स्तर पर दोनों विषय होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी वजह से हजारों छात्र जो इतिहास प्रतिष्ठा रखते हैं वह सहायक विषय में राजनीति शास्त्र या जो छात्र राजनीति शास्त्र प्रतिष्ठा रखते हैं वे सहायक विषय के रूप में इतिहास नहीं रखते हैं। इस परिस्थिति में ऐसे छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
- विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए पहली बार नियुक्ति परीक्षा में दो विषयों में 45 फीसद अनिवार्य की मांग की गयी है जो अनुचित है।
- संस्कृत तथा उर्दू छात्रों को भी समस्या हो गयी है क्योंकि स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए स्नातकोत्तर योग्यता निर्धारित की गयी है जो कि असंगत है।
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