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अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन

जामताड़ा : अप्रशिक्षित पारा शिक्षक पढ़ा रहे हैं स्कूली बच्चों को। जबकि सरकार के खर्च पर पारा शिक्षकों को डिप्लोमा प्राइमरी एजूकेशन का प्रशिक्षण लेने का प्रावधान है। एक पारा शिक्षक को प्रशिक्षण दिलाने में सरकार का करीब एक लाख रूपया खर्च है।
लेकिन विभाग और पारा शिक्षक की लापरवाही से जिले के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में अप्रशिक्षित पारा शिक्षक पढ़ा रहे है। अब सवाल यह है कि क्या इन अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है? जिले में कुल 2447 पारा शिक्षक है, जिसमें अब तक 300 पारा शिक्षक बिना प्रशिक्षण लिये ही बच्चों को पढा रहे है। यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य सरकार और पारा शिक्षकों के बीच चल रही खींचतान में प्राथमिक स्कूलों के हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में है। यह समस्या तभी से कायम है, जब से पारा शिक्षकों की नियुक्ति शुरू हुई है। अभियान के तहत केंद्र सरकार प्रतिवर्ष अरबों रुपये खर्च भी कर रही है। हर एक किमी. पर एक प्राथमिक और दो किमी. पर मध्य विद्यालय की स्थापना की जा रही है। लेकिन इसका नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा है। शिक्षा विभाग यदि पूरी तरह निष्पक्ष होकर पारा शिक्षक का प्रमाण पत्र जांच करे तो कई पारा शिक्षक फर्जी पकड़े जाने की संभावना है।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधीक्षक : जिला शिक्षा अधीक्षक अभय शंकर ने बताया कि पारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। जो शिक्षक बच गये है उन्हें भी जल्द प्रशिक्षण दिया जायेगा।

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