एजुकेशन रिपोर्टर | जमशेदपुर रांची में 10 दिसंबर को आयोजित मेगा लोक अदालत में कोल्हान यूनिवर्सिटी
(केयू) के 583 शिक्षक और कर्मचारियों के बीच विभिन्न मद में बकाया 12 करोड़
54 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।
को-ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व कर्मचारी के पुत्र चंदन कुमार को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा। केयू की ओर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
उधर, शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा झालसा के सहयोग से झारखंड हाईकोर्ट परिसर में सुबह 10 बजे से लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें राज्य के पांच विश्वविद्यालयों, रांची, विनोबा भावे, सिदो-कान्हो, कोल्हान और नीलांबर-पितांबर विश्वविद्यालय के 4910 शिक्षक-कर्मचारियों को 113.58 करोड़ के बकाए का भुगतान किया जाएगा। इनमें चतुर्थ, पंचम एवं छठे वेतनमान के लागू होने से जुड़े मामले हैं। इसे लेकर शिक्षक-कर्मचारी उच्च शिक्षा विभाग और हाईकोर्ट का चक्कर लगा रहे थे। इनमें सेवानिवृत्त और कार्यरत दोनों तरह के शिक्षक-कर्मचारी हैं। यह तीसरी लोक अदालत होगी। इससे पूर्व मई 2012 में लोक अदालत लगाई गई थी, जिसमें 261 मामलों का निष्पादन किया गया था और 6.2 करोड़ का भुगतान हुअा था।
उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा छठे वेतनमान के लिए केंद्र से दूसरी किस्त मिल गई है। भुगतान के बाद अब 33 फीसदी राशि ही बकाया रह जाएगी, जिसका भुगतान केंद्र से तीसरी किस्त प्राप्त होने पर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा अभी भी विभाग पर 1200 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। इनमें 100 से अधिक अवमानना के हैं। उन्होंने कहा इवनिंग क्लास शुरू होने से पांच फीसदी का ग्रोथ आया है जबकि केंद्र का ग्रोथ 1.6 फीसदी के लगभग है। निजी विश्वविद्यालयों को 25 एकड़ जमीन पर कैंपस बनाना है। कई निजी विश्वविद्यालयों द्वारा कैंपस बनाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। पांच और नए विश्वविद्यालयों को खोलने के लिए प्रस्ताव आया है, उनमें दो धनबाद, एक कोडरमा और एक रांची के लिए है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालयों में चतुर्थ वर्ग में नई नियुक्ति की जगह सरकार आउटसोर्सिंग से काम कराने की नीति अपना रही है। विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों का कैडर प्रमंडलीय स्तर पर करने का विचार किया जा रहा है। इसके अलावा छात्र-शिक्षक अनुपात और विभिन्न कोर्सों की जरूरत पर विचार के लिए संयुक्त सचिव रमेश घोलप की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद कोर्स रेशनलाइज किया जाएगा। अगले वर्ष से सभी जिलों में एमबीए, एमसीए, बीबीए की पढ़ाई शुरू करने की योजना है।
को-ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व कर्मचारी के पुत्र चंदन कुमार को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा। केयू की ओर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
उधर, शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा झालसा के सहयोग से झारखंड हाईकोर्ट परिसर में सुबह 10 बजे से लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें राज्य के पांच विश्वविद्यालयों, रांची, विनोबा भावे, सिदो-कान्हो, कोल्हान और नीलांबर-पितांबर विश्वविद्यालय के 4910 शिक्षक-कर्मचारियों को 113.58 करोड़ के बकाए का भुगतान किया जाएगा। इनमें चतुर्थ, पंचम एवं छठे वेतनमान के लागू होने से जुड़े मामले हैं। इसे लेकर शिक्षक-कर्मचारी उच्च शिक्षा विभाग और हाईकोर्ट का चक्कर लगा रहे थे। इनमें सेवानिवृत्त और कार्यरत दोनों तरह के शिक्षक-कर्मचारी हैं। यह तीसरी लोक अदालत होगी। इससे पूर्व मई 2012 में लोक अदालत लगाई गई थी, जिसमें 261 मामलों का निष्पादन किया गया था और 6.2 करोड़ का भुगतान हुअा था।
उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा छठे वेतनमान के लिए केंद्र से दूसरी किस्त मिल गई है। भुगतान के बाद अब 33 फीसदी राशि ही बकाया रह जाएगी, जिसका भुगतान केंद्र से तीसरी किस्त प्राप्त होने पर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा अभी भी विभाग पर 1200 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। इनमें 100 से अधिक अवमानना के हैं। उन्होंने कहा इवनिंग क्लास शुरू होने से पांच फीसदी का ग्रोथ आया है जबकि केंद्र का ग्रोथ 1.6 फीसदी के लगभग है। निजी विश्वविद्यालयों को 25 एकड़ जमीन पर कैंपस बनाना है। कई निजी विश्वविद्यालयों द्वारा कैंपस बनाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। पांच और नए विश्वविद्यालयों को खोलने के लिए प्रस्ताव आया है, उनमें दो धनबाद, एक कोडरमा और एक रांची के लिए है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालयों में चतुर्थ वर्ग में नई नियुक्ति की जगह सरकार आउटसोर्सिंग से काम कराने की नीति अपना रही है। विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों का कैडर प्रमंडलीय स्तर पर करने का विचार किया जा रहा है। इसके अलावा छात्र-शिक्षक अनुपात और विभिन्न कोर्सों की जरूरत पर विचार के लिए संयुक्त सचिव रमेश घोलप की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद कोर्स रेशनलाइज किया जाएगा। अगले वर्ष से सभी जिलों में एमबीए, एमसीए, बीबीए की पढ़ाई शुरू करने की योजना है।
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