रांची. 20 अक्टूबर से आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों को पुलिस ने
मंगलवार को जयपाल सिंह स्टेडियम (कैंप जेल) से हटा दिया। स्टेडियम से हटाए
जाने के बाद सभी पारा शिक्षक अपने-अपने जिला रवाना हो गए। अधिकांश पारा
शिक्षक पलामू, गिरिडीह, गढ़वा और चतरा जिले से रांची में जमे थे। वरीय
पुलिस पदाधिकारी के आदेश पर उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई। दिन के 2.30
बजे तक पूरा स्टेडियम खाली हो चुका था। इसके बाद वहां साफ-सफाई का काम
कराया गया।
स्टेडियम खाली कराए जाने के बाद पारा शिक्षक महासंघ की ओर से कहा गया कि 12 नवंबर को नई दिल्ली में उनका प्रदर्शन है, इसलिए वे स्वयं स्टेडियम खाली कर रहे हैं। जबकि स्टेडियम खाली करते समय पारा शिक्षक जुलूस की शक्ल में बाहर निकले। इससे पहले माइक पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही थी। इस दौरान पारा शिक्षकों के चेहरे पर निराशा साफ-साफ झलक रही थी। उन्हें आभास हो चुका है कि अब उनका आंदोलन समाप्त हो चुका है और सरकार उनकी मांगों को नहीं माननेवाली है। उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षक 17 सितंबर से समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं।
सुबह 7.00 बजे ही शुरू हो गया था खाली कराने का काम
कोतवाली थाना प्रभारी एसडीओ व करीब 150 जवानों के साथ सुबह 7.00 बजे जयपाल सिंह स्टेडियम पहुंच गए। उन्हें तुरंत स्टेडियम खाली करने के लिए कहा गया। पारा शिक्षकों को समझते देर नहीं लगी कि आज उन्हें हर हाल में स्टेडियम खाली करना ही पड़ेगा। झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ ने एसडीओ से दो बजे तक स्टेडियम खाली करने की मोहलत मांगी। इस दौरान महामंत्री प्रद्युम्मन कुमार सिंह ने कहा कि पारा हमारी मांगों पर सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। अब हम 12 नवंबर को नई दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
आगे के आंदोलन की हुई घोषणा
-
पारा शिक्षकों ने दिन के दो बजे घोषणा की कि नौ नवंबर को सभी प्रखंडों में
धरना दिया जाएगा। इस दौरान पारा शिक्षक काले झंडे के साथ क्षेत्र का भ्रमण
करेंगे।
- 10 नवंबर को सभी जन प्रतिनिधियों, गांव और विद्यालय के ग्रामीणों की प्रखंड स्तर व प्रखंड मुख्यालय में सभा होगी।
- 12 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
- राज्य स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को मोरहाबादी में सभी पारा शिक्षक प्रदर्शन करेगे।
- 22 से 25 नवंबर के बीच विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
- सात दिसंबर को लखनऊ में प्रेस वार्ता कर पारा शिक्षक अपनी पीड़ा सभी को बताएंगे।
- 10 नवंबर को सभी जन प्रतिनिधियों, गांव और विद्यालय के ग्रामीणों की प्रखंड स्तर व प्रखंड मुख्यालय में सभा होगी।
- 12 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
- राज्य स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को मोरहाबादी में सभी पारा शिक्षक प्रदर्शन करेगे।
- 22 से 25 नवंबर के बीच विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
- सात दिसंबर को लखनऊ में प्रेस वार्ता कर पारा शिक्षक अपनी पीड़ा सभी को बताएंगे।
- 15 दिसंबर को लखनऊ में पारा शिक्षक भिक्षाटन करेंगे और रैली निकालेंगे।
20 अक्टूबर से बना हुआ था पुलिस पिकेट
पारा शिक्षकों के जयपाल सिंह स्टेडियम में घेरा डालो डेरा डालो की वजह से पुलिस को वहां एक अस्थाई पिकेट बनाना पड़ा था। इसमें 25 पुलिस जवानों समेत चार अधिकारियों को 24 घंटे के लिए तैनात किया गया था। पारा शिक्षकों की नारेबाजी और शोर-शराबे से आसपास के लोगों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि वे रात में भी असमय माइक पर नारेबाजी करने लगते थे।
गिरिडीह में सबसे ज्यादा पारा शिक्षक हटाए गए
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) के प्रशासी पदाधिकारी मुकेश सिन्हा का कहना है कि राज्यभर में अब लगभग 10 हजार पारा शिक्षक ही हड़ताल पर रह गए हैं। सबसे ज्यादा पारा शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई गिरिडीह जिले में हुई है। यहां 6633 पारा शिक्षक हटाए जा चुके हैं। वहीं हजारीबाग में 3548 और दुमका में 2216 पारा शिक्षक हटाए गए हैं।
No comments:
Post a Comment