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वित्तरहित शिक्षकों ने बुलंद की आवाज, पुलिस ने सीएम हाउस जाने से रोका

रांची, जागरण संवाददाता। वित्त रहित हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों के हजारों शिक्षाकर्मी अनुदान, अधिग्रहण सहित अन्य मांगों को ले शुक्रवार को सीएम आवास का घेराव करने निकले थे। लेकिन पुलिस ने इन्हें राजभवन के पास ही रोक दिया। यहां प्रदर्शनकारी शिक्षाकर्मियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई, लेकिन पुलिसकर्मी इन्हें आगे नहीं बढऩे दिया।

शिक्षक बार-बार सीएम आवास की ओर बढऩे का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफल नहीं होने पर वहीं सरकार व विभागीय अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे करीब पांच हजार शिक्षाकर्मियों में महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी थी।

प्रदर्शन झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले किया गया। इसका नेतृत्व मोर्चा के डॉ. सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, नरोत्तम सिंह, विजय झा, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलूल कादिर, चंद्रेश्वर पाठक, डॉ. देवनाथ सिंह, सिबेरिया टोप्पो, बलदेव पांडेय, अरविंद सिंह, अशफाक आलम, प्रेम मुंडा, भोला दत्ता कर रहे थे।

पहले एसएसपी आवास के पास रोका : राज्य के विभिन्न जिलों से शिक्षाकर्मी सुबह 10 बजे से ही मोरहाबादी के गांधी प्रतिमा के पास जमा होने लगे थे। 12:15 में करीब पांच हजार शिक्षक व कर्मचारी दो कतार में वहां से सीएम हाउस का घेराव के लिए निकले। शिक्षक एसएसपी आवास से रणधीर वर्मा चौक की ओर जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस रेडियम रोड होते हुए राजभवन जाने को कह रहे थे। सीएम हाउस की ओर नहीं जाने देने पर शिक्षाकर्मी वहीं सड़क पर बैठ गए। इस बीच यहां जाम भी लग गया। पुलिस ने समझाबुझाकर करीब 20 मिनट बाद इन्हें रेडियम रेाड होते हुए राजभवन पहुंचाया।
सोमवार को सीएम से वार्ता : प्रशासन ने शिक्षाकर्मियों के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सीएमओ ले गए। यहां सचिवालय के संयुक्त सचिव मनोहर मरांडी से वार्ता के बाद ज्ञापन सौंपा। मोर्चा के सदस्यों ने सीएम से वार्ता की बात कर रहे थे तो इन्हें कहा गया कि सोमवार आठ अक्टूबर को 11 बजे प्रोजेक्ट बिल्डिंग पहुंचे वहां सीएम से बात कराई जाएगी। इसके बाद मोर्चा ने घेराव समाप्त किया।

मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन : मोर्चा ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा। कहा, राज्य के 60 विधायक व सांसदों ने अधिग्रहण और घाटानुदान का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखा था। लेकिन सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। सीएम से वार्ता के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकला तो राजभवन के पास आमरण अनशन करेंगे फिर दिल्ली भी जाएंगे। शिक्षक वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने की मांग कर थे। प्रदर्शन के क्रम में सीएम और शिक्षा मंत्री होश में आओ, शिक्षा सचिव को हटाओ जैसे नारे लगा रहे थे।


यह है शिक्षकों की मुख्य मांगें : -नियमावली 2004 और 2015 के अनुसार शिक्षण संस्थानों को अनुदान दिया जाए।-सांसदों-विधायकों के पत्र के आलोक में शिक्षण संस्थानों को घटानुदान का दर्जा मिले।- शिक्षा हित में राज्य में वित्त रहित शिक्षा नीति को अविलंब समाप्त करे सरकार।- वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को पहले की तरह ही अनुदान राशि दी जाए।- संस्कृत व मदरसा को नियमावली 2015 के अनुसार अनुदान राशि दिया जाए।

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