लोहरदगा : लोहरदगा जिले में इस बार माध्यमिक परीक्षा में आधे से भी कम
विद्यार्थी सफल हुए हैं। जिले में महज 46.21 प्रतिशत विद्यार्थी ही सफल हो
सके हैं। विगत कई सालों में लोहरदगा जिले का यह सबसे खराब परीक्षाफल है।
इसके पीछे स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक बड़ा कारण है।
कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक ही पूरे विद्यालय को संचालित कर रहे हैं। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर परिणाम की बात ही बेमानी है। जिले में इस बार माध्यमिक परीक्षा में टॉप 10 में एक भी सरकारी स्कूल के विद्यार्थी शामिल नहीं हैं। टाप 10 में अल्पसंख्यक और स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालय के विद्यार्थियों ने ही कब्जा जमाया है। जिले के 7 प्रोजेक्ट विद्यालय (1981-82) में महज 17 शिक्षक ही कार्यरत हैं। प्रोजेक्ट उवि गगेया में 2, प्रोजेक्ट उवि हनहट में 2, प्रोजेक्ट उवि कुडू में 2, प्रोजेक्ट उवि कुज्जी में एक, प्रोजेक्ट उवि मक्का में एक, प्रोजेक्ट उवि इरगांव में 4 और प्रोजेक्ट उवि मुंगो में 5 शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि दो प्रोजेक्ट विद्यालय (वर्ष 1984-85) क्रमश: किस्को और भंडरा में शिक्षक की मान्यता ही नहीं है। 10 राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में महज 53 शिक्षक ही कार्यरत हैं। जिसमें नदिया ¨हदू उवि में 8, चुन्नीलाल उवि में 2, कस्तूरबा उवि में 7, बालिका उवि में 6, चट्टी उवि में 4, भंडरा उवि में एक, कैरो उवि में 4, माराडीह उवि में 4, एसएस उवि किस्को में 3 शिक्षक कार्यरत हैं। जिले के 22 उत्क्रमित उवि में महज 21 शिक्षक ही कार्यरत हैं। जिसमें उत्क्रमित बुनियादीउवि सेन्हा में 6, उत्क्रमित शाहबुटी उवि में 8, उत्क्रमित उवि चरहु में 7 शिक्षक कार्यरत हैं। इनकी नियुक्ति साल 2015 में हुई है। शेष विद्यालयों में अब तक एक भी शिक्षक नहीं हैं।
प्रोजेक्ट उवि के शिक्षकों को 35 सालों से नहीं मिली प्रोन्नति
लोहरदगा : लोहरदगा जिला अंतर्गत प्रोजक्ट उवि में कार्यरत 17 शिक्षकों को विगत 35 वर्षों से प्रोन्नति नहीं मिली है। जिला स्थापना समिति (माध्यमिक) के अध्यक्ष सह उपायुक्त द्वारा गठित जांच समिति का जांच प्रतिवेदन संचिका है इसके बावजूद बार-बार संचिका जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय में 6 माह से घूम रहा है। राज्य के सभी जिलों में प्रोन्नति का लाभ शिक्षकों को मिल रहा है, परंतु लोहरदगा में शिक्षक प्रोन्नति से वंचित हैं। प्रोन्नति नहीं मिलने से शिक्षक पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ भी नहीं ले पा रहे। शिक्षकों की पीड़ा यह है कि वे अपने अधिकार से भी वंचित हैं।
कोट
शिक्षकों की नियुक्ति से ही समस्या का हल हो सकता है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। जहां तक प्रोजेक्ट उवि के शिक्षकों की प्रोन्नति का सवाल है तो इस विषय पर जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित करेंगे। शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ जल्द ही दिया जाएगा।
विनोद कुमार, उपायुक्त
कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक ही पूरे विद्यालय को संचालित कर रहे हैं। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर परिणाम की बात ही बेमानी है। जिले में इस बार माध्यमिक परीक्षा में टॉप 10 में एक भी सरकारी स्कूल के विद्यार्थी शामिल नहीं हैं। टाप 10 में अल्पसंख्यक और स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालय के विद्यार्थियों ने ही कब्जा जमाया है। जिले के 7 प्रोजेक्ट विद्यालय (1981-82) में महज 17 शिक्षक ही कार्यरत हैं। प्रोजेक्ट उवि गगेया में 2, प्रोजेक्ट उवि हनहट में 2, प्रोजेक्ट उवि कुडू में 2, प्रोजेक्ट उवि कुज्जी में एक, प्रोजेक्ट उवि मक्का में एक, प्रोजेक्ट उवि इरगांव में 4 और प्रोजेक्ट उवि मुंगो में 5 शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि दो प्रोजेक्ट विद्यालय (वर्ष 1984-85) क्रमश: किस्को और भंडरा में शिक्षक की मान्यता ही नहीं है। 10 राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में महज 53 शिक्षक ही कार्यरत हैं। जिसमें नदिया ¨हदू उवि में 8, चुन्नीलाल उवि में 2, कस्तूरबा उवि में 7, बालिका उवि में 6, चट्टी उवि में 4, भंडरा उवि में एक, कैरो उवि में 4, माराडीह उवि में 4, एसएस उवि किस्को में 3 शिक्षक कार्यरत हैं। जिले के 22 उत्क्रमित उवि में महज 21 शिक्षक ही कार्यरत हैं। जिसमें उत्क्रमित बुनियादीउवि सेन्हा में 6, उत्क्रमित शाहबुटी उवि में 8, उत्क्रमित उवि चरहु में 7 शिक्षक कार्यरत हैं। इनकी नियुक्ति साल 2015 में हुई है। शेष विद्यालयों में अब तक एक भी शिक्षक नहीं हैं।
प्रोजेक्ट उवि के शिक्षकों को 35 सालों से नहीं मिली प्रोन्नति
लोहरदगा : लोहरदगा जिला अंतर्गत प्रोजक्ट उवि में कार्यरत 17 शिक्षकों को विगत 35 वर्षों से प्रोन्नति नहीं मिली है। जिला स्थापना समिति (माध्यमिक) के अध्यक्ष सह उपायुक्त द्वारा गठित जांच समिति का जांच प्रतिवेदन संचिका है इसके बावजूद बार-बार संचिका जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय में 6 माह से घूम रहा है। राज्य के सभी जिलों में प्रोन्नति का लाभ शिक्षकों को मिल रहा है, परंतु लोहरदगा में शिक्षक प्रोन्नति से वंचित हैं। प्रोन्नति नहीं मिलने से शिक्षक पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ भी नहीं ले पा रहे। शिक्षकों की पीड़ा यह है कि वे अपने अधिकार से भी वंचित हैं।
कोट
शिक्षकों की नियुक्ति से ही समस्या का हल हो सकता है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। जहां तक प्रोजेक्ट उवि के शिक्षकों की प्रोन्नति का सवाल है तो इस विषय पर जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित करेंगे। शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ जल्द ही दिया जाएगा।
विनोद कुमार, उपायुक्त
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