रांची : राज्य के 70 हजार पारा शिक्षकों को तीन माह से मानदेय नहीं
मिला है. राज्य के 41 हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 70 हजार
पारा शिक्षक कार्यरत हैं. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष
संजय दुबे ने बताया कि शिक्षकों को जनवरी से मानदेय नहीं मिल रहा है.
जनवरी में मात्र लातेहार व कोडरमा में मानदेय मिला था.
शिक्षकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार एक ओर
गुणवत्तायुक्त शिक्षा की बात करती है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को समय पर
मानदेय नहीं देती है. सरकार जल्द-से-जल्द पारा शिक्षकों के बकाया मानदेय
का भुगतान करे. मानदेय भुगतान नहीं करने पर शिक्षक आंदोलन करने को बाध्य
होंगे. उन्होंने ने बताया कि इस संबंध में महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने
विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक से मुलाकात की थी.
जिला शिक्षा अधीक्षक का कहना है कि राशि की कमी के कारण शिक्षकों को
मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षकों को
मानदेय का भुगतान सर्वशिक्षा अभियान के तहत झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा
किया जाता है. पारा शिक्षकों के मानदेय का 60 फीसदी राशि केंद्र व 40 फीसदी
राशि राज्य सरकार देती है.
300 करोड़ नहीं मिला
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में सर्वशिक्षा अभियान के लिए
राज्य को लगभग 1600 करोड़ देने को स्वीकृति दी थी. केंद्र सरकार की आेर
स्वीकृत राशि में से 300 करोड़ कम दिया गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना की
ओर से केंद्र सरकार से राशि की मांग की गयी है. केंद्र सरकार से राशि नहीं
मिलने के कारण मानदेय भुगतान में विलंब हो रहा है. केंद्र सरकार से राशि
नहीं मिलने की स्थिति में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए स्वीकृत बजट में से
शिक्षकों को मानदेय दिया जा सकता है
.
अभी करना होगा इंतजार
पारा शिक्षकों को बकाया मानदेय के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता
है. शिक्षकों को अप्रैल में मानदेय भुगतान की संभावना कम है. केंद्र सरकार
अगर बकाया राशि नहीं देती है, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट से पारा
शिक्षकों को मानदेय दिया जा सकता है.
वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट को भारत सरकार से अभी अंतिम स्वीकृति की
रिपोर्ट राज्य को नहीं भेजी गयी है. इस माह अंत तक बजट को केंद्र से
स्वीकृति मिलने की संभावना है. ऐसे में शिक्षकों को मई में बकाया मानदेय
भुगतान किया जा सकता है.
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