मधुपुर (देवघर) : श्रम मंत्री राज पलिवार ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों
के बकाये वेतन का भुगतान हर हाल में इस माह में कर दिया जाएगा। मधुपुर में
बकाये वेतन भुगतान की मांग को लेकर मिलने पहुंचे शिक्षकों को उन्होंने
आश्वस्त करते हुए कहा कि डीएसई को इस बाबत सख्त निर्देश दिया गया है। जल्द
ही शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
जानकारी हो कि शिक्षा विभाग के गलत वित्तीय प्रबंधन के कारण प्रखंड में कार्यरत करीब 80 नवनियुक्त शिक्षकों के आठ माह के बकाये वेतन मद के आवंटन को पिछले 5 मार्च को वापस ले लिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि 31 मार्च तक सरकार द्वारा आवंटन वापस लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं था, बल्कि राशि स्वत: सरेंडर कर दी जाती थी। स्थिति यह है कि पिछले आठ माह से बकाये वेतन का भुगतान नहीं होने से नवनियुक्त शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। करीब 75 प्रतिशत शिक्षक दूसरे जिले के हैं जो किराए के घर में रहकर अपनी सेवा दे रहे हैं। उपायुक्त अरवा राजकमल ने भी जनवरी माह में डीएसई को शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मधुपुर अनुमंडल के सारठ, करौं, पालोजोरी व मारगोमुंडा व सारवां प्रखंड में कार्यरत शिक्षकों का मार्च 2016 से अगस्त माह तक के वेतन का भुगतान कर दिया गया है जबकि मधुपुर, देवघर एवं मोहनपुर प्रखंड के नवनियुक्त शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान अधर में लटका हुआ है। शिक्षकों ने बताया कि देवघर में 11 एवं मोहनपुर में 16 नवनियुक्त शिक्षकों को गुपचुप तरीके से बकाये वेतन का भुगतान कर दिया गया। जबकि आवंटन उपलब्ध रहने के बावजूद सभी शिक्षकों का भुगतान नहीं किया गया। नवनियुक्त शिक्षकों का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में उनका बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता है तो अगले वित्तीय वर्ष में उनका दो माह का वेतन टैक्स में ही कट जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
जानकारी हो कि शिक्षा विभाग के गलत वित्तीय प्रबंधन के कारण प्रखंड में कार्यरत करीब 80 नवनियुक्त शिक्षकों के आठ माह के बकाये वेतन मद के आवंटन को पिछले 5 मार्च को वापस ले लिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि 31 मार्च तक सरकार द्वारा आवंटन वापस लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं था, बल्कि राशि स्वत: सरेंडर कर दी जाती थी। स्थिति यह है कि पिछले आठ माह से बकाये वेतन का भुगतान नहीं होने से नवनियुक्त शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। करीब 75 प्रतिशत शिक्षक दूसरे जिले के हैं जो किराए के घर में रहकर अपनी सेवा दे रहे हैं। उपायुक्त अरवा राजकमल ने भी जनवरी माह में डीएसई को शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मधुपुर अनुमंडल के सारठ, करौं, पालोजोरी व मारगोमुंडा व सारवां प्रखंड में कार्यरत शिक्षकों का मार्च 2016 से अगस्त माह तक के वेतन का भुगतान कर दिया गया है जबकि मधुपुर, देवघर एवं मोहनपुर प्रखंड के नवनियुक्त शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान अधर में लटका हुआ है। शिक्षकों ने बताया कि देवघर में 11 एवं मोहनपुर में 16 नवनियुक्त शिक्षकों को गुपचुप तरीके से बकाये वेतन का भुगतान कर दिया गया। जबकि आवंटन उपलब्ध रहने के बावजूद सभी शिक्षकों का भुगतान नहीं किया गया। नवनियुक्त शिक्षकों का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में उनका बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता है तो अगले वित्तीय वर्ष में उनका दो माह का वेतन टैक्स में ही कट जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
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