झारखंड के पारा शिक्षकों को जल्द ही सरकार की तरफ से खुशखबरी मिल सकती है. क्योंकि राज्य सरकार ने पारा शिक्षको के हित में कई फैसले लिए है. पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और उनके वेतन निर्धारनण के लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में एक हाइ लेवल मीटिंग की गयी थी.
जिसमें यह तय हुआ है कि राज्य के पारा शिक्षकों को रागत पहुंचाने के लिए झारखंड में बिहार मॉडल को अपनाया जाएगा. सरकार के दो साल पूरा होने के अवसर पर 29 दिसंबर को इसकी घोषणा सरकार कर सकती है. बैठक के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि झारखंड में बिहार की नियमावली का पालन किया जाएगा. राज्य सरकार के दो साल पूरा होने पर इसकी घोषणा की जाएगी.60 वर्ष तक नौकरी कर पाएंगे पारा शिक्षक
जगरनाथ महतो ने कहा कि अब इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. छठ पूजा के बाद पारा शिक्षक संघ की बैठक होगी. इस बैठक में बिहार की नियमावली का प्रारूप पारा शिक्षकों को दिया जाएगा. नये नियमावली में जो भी आपत्ति होगी उसे आपस में बैठकर बातचीत से हल कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के पारा टीचर्स को बिहार मॉडल पर पे स्केल का लाभ दिया जाएगा. साथ ही कहा कि यह काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा. नयी नियमावली के तहत राज्य के सभी पारा शिक्षक बिहार की तर्ज पर 60 वर्ष तक नौकरी कर पाएंगे. इसके अलावा सरकार की ओर से पेंशन को छोड़कर अन्य सुविधा भी दी जाएगी. इतना ही नहीं राज्य के पारा शिक्षकों को अब नौकरी में बने रहने के लिए पात्रता परीक्षा देनी होगी और उसे पास करना होगा. नौकरी में बने रहने के लिए उन्हें परीक्षा पास करना होगा. राज्य सरकार के इस फैसल से झारखंंड के लगभग 65 हजार पारा शिक्षकों को लाभ मिलेगा. राज्य में करीब 11 हजार पारा शिक्षक ही टेट पास है, जबकि 50 हजार सिर्फ प्रशिक्षित और 3000 अप्रशिक्षित हैं
बिहार मॉडल की तर्ज पर मिलेगी सरकारी सुविधाएं
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया कि बिहार की तर्ज पर शिक्षकों को वेतमान दिया जाएगा. शिक्षकों को प्राइमरी, सेकेंडरी और हाई स्कूल टीचर के आधार पर वेतन मिलेगा. इसके अलावा महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा और सभी प्रकार की सरकारी सुविधाएं दी जाएगी.
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